" alt="" aria-hidden="true" />
उज्जैन। फतेहाबाद गेज परिवर्तन का 22 किलोमीटर का काम लगभग पूरा हो चुका
है। पटरियां छिाने के अलावा इलेक्ट्रिफिकेशन का काम भी काफी हो चुका है।
नीलकंठ व फतेहाबाद के बीच पटरियां बिछाना बाकी है। इसके बाद इंजन का
ट्रायल किया जाएगा। रेलवे ने ठेकेदार को नोटिस दिया है कि एक सप्ताह में
बाकी काम पूरा नहीं किया तो उस पर पेनल्टी लगाई जाएगी। अगले माह कमिश्नर
रेलवे सेफ्टी सीआरएस का निरीक्षण करवाया जा सकता है। सीआरएस से हरी झंडी
मिलने के बाद ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। इससे उज्जैन से
इंदौर की दूरी 80 किलोमीटर से घटकर 62 किलोमीटर रह जाएगी। इस रूट से ही
काशी-महाकाल एक्सप्रेस का भी संचालन किया जाएगा।
बहुप्रतिक्षित उज्जैन-फतेहाबाद गेज परिवर्तन का काम अंतिम चरण में चल रहा
है। 22 किलोमीटर लंबे मार्ग पर अब केवल नीलकंठ व फतेहाबाद में ही पटरियां
बिछाना बाकी रह गई है। वहां भी बड़े पुल व अंडर पास का काम अंतिम दौर में
चल रहा है। काम पूरा होते ही अधिकारी उस पर पटरियां बिछा देंगे।
अधिकारियों का कहना है कि फरवरी में ही उज्जैन से फतेहाबाद के बीच इंजन
का ट्रायल कर लिया जाएगा। काम पूरा होने के बाद मार्च में ही कमिश्नर
रेलवे सेफ्टी का निरीक्षण करवाने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर
युद्ध स्तर पर काम करने को कहा गया है। निरीक्षण के बाद ही इस रूट पर
यात्री व गुड्स ट्रेनों के संचालन की अनुमति मिलेगी।